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सीखने की भावना और ज्ञान पाने के साथ भी कोई यात्रा शैक्षणिक हो सकती है।
आज मेरी यात्रा वाराणसी जिले के पिंद्रा गांव में एक प्राथमिक विद्यालय में हुई।
समस्त शिक्षक से मुलाकात हुई। शिक्षिका वेद कंचन जी ने प्रज्ञालय के संबंध में गहरी
रुचि रखी। मैंने बच्चों से भी कई प्रश्न किया बच्चों से प्रश्न किया कि आपको यदि 1 दिन के लिए कोई जानवर पक्षी या कुछ भी बनना हो तो क्या बनना पसंद करेंगे।
1 बच्चे ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया, तोता बनना पसंद करेंगे।
मैंने पूछा क्यों तोता बनना पसंद करेंगे तो बच्चे ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया, क्यों कि मैं अभी तक उड़ा नहीं हूं। मैंने पूछा उड़ने के लिए तोता ही क्यों कोई और पक्षी क्यों नहीं तब उसे कहां क्यों कि तोता शाकहारी होता है।
वंदना राय
प्रज्ञालय समन्वयक

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